मैंने कहा- माँ, इसमें इतना उदास होने की बात क्या है। तुमको तो खुश होना चाहिये कि मुझे तुम्हारे होंठ पसन्द आये। पर उसका लंड बलराम से थोड़ा बड़ा था और वह प्रगति को दर्द नहीं पहुँचाना चाहता था शायद इसीलिए वह ठीक से ज़ोर नहीं लगा रहा था। प्रगति https://samuelr763ten4.blogchaat.com/profile